जाने खामोशी और सुनने की ताकत के राज

जाने खामोशी और सुनने की ताकत के राज।



दोस्तों आज मैं आप सभी को दो ऐसे राज के बारे में बताऊंगा जो आप लोग शायद नहीं जानते होंगे। ये दो राज सुनने और ख़ामोशी के ताकत की राज है,जिसे हम एक -एक करके जाने गे।
तो चलो जानते इनके बारे में बारी -बारी से।



खामोशी की ताकत (The Power of Silence)




आप जब भी एक सवाल पूछते हैं तो हमेशा खामोशी से जवाब का इंतजार करना चाहिए। कुछ लोग खामोशी की वजह से नर्वस महसूस करने लगते हैं। वह घबराहट (नर्वसनेस) में चुप्पी तोड़ते हैं और ग्राहक पर जो फैसला देने का दबाव था, वह हट जाता है।

खामोशी, बातचीत के लिए एक असरदार तरीका हो सकता है : खासतौर पर एक सवाल पूछने के बाद यह ग्राहक को जवाब देने के लिए मजबूर करता है।


सुनने की ताकत (Power of Listening)




सवाल पूछने के बाद, यह जरूरी होता है कि आप ध्यान से और सक्रिय रूप से सुनें कि क्या कहा जा रहा है और क्या नहीं कहा जा रहा है। हमें मौखिक और अमौखिक दोनों बातों को सुनना चाहिए। हमें जो कहा जा रहा है, उसे सुनना चाहिए और जो एहसास हो रहा है, उसे महसूस करने की जरूरत है।↓


सुनने से सेल्सपर्सन को यह इशारा (क्लू) मिलता है कि वे अपना प्रजेंटेशन सही दिशा में दे रहे हैं। सुनने से सेल्सपर्सन को ग्राहक की चाहतों और जरूरतों का पता चलता है। इससे योग्य प्रोफेशनल को आनेवाली बाधाओं को भी समझने में आसानी होती है। 'सुनने' के बहुत फायदे हैं, जो सेल क्लोज करने में मदद करते हैं।



नोट:-


तो दोस्तों आप लोगों ने इन दोनों ताकतों के बारे में जान लिया है। जान तो आप सभी लोगो ने लिया है लेकिन इसका सबसे ज्यादा फायदा उस दोस्त होगा जो इसकी Practice करेगा। इस लिए Please आप सभी लोग इसे Practice करें।

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